2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य: एस जयशंकर

रिपोर्ट :-नीरज अवस्थी

नई दिल्ली :-शिक्षा की बात हो या सुरक्षा की, टेक्नोलॉजी की बात हो या अर्थव्यवस्था की भारत किसी भी चीज़ में पीछे नहीं है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं जहाँ वो कई कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं. न्यूयॉर्क में भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 18 वीं सदी में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की कुल अर्थव्यवस्था का लगभग एक चौथाई हिस्सा थी। इसके बाद 20 वीं सदी के मध्य तक गुलामी के कारण भारत दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक बन गया, लेकिन आजादी के 75वें वर्ष में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में आपके सामने गर्व से खड़ा है। इतना ही नहीं हम तेजी से आगे भी बढ़ रहे हैं।

न्यूयार्क में आयोजित ‘भारत @ 75: इंडिया-यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन’ कार्यक्रम को संबोधित करते विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि हमारा विकास डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर इस तरह डिजाइन किया गया है कि कोई भी पीछे न रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हाल के दिनों में, डिजिटल टेक्नोलॉजी ने खाद्य सुरक्षा तंत्र को सफलतापूर्वक उन्नत किया है। भारत में डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन उपलब्ध कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखता है। हमारा लक्ष्य अपने दूर-दराज के गांवों को भी डिजिटाइज करने का है और हम तेजी से इसपर काम भी कर रहे हैं।

डिजिटल होने का भारतीयों को फायदा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 300 बिलियन से अधिक के लाभ डिजिटल रूप से वितरित किए जाते हैं। भारत के विकास के बारे में उन्होंने कहा कि हमने 2 बिलियन से अधिक टीके लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक जलवायु कार्रवाई के लिए दो प्रमुख पहल पर काम किया है। इसमें पहला 2015 में फ्रांस के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन है, आज इसके 100 से अधिक सदस्य हैं। इसके अलावा हमारी जो दूसरी पहल है वह है आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन है जिसमें भारत संस्थापक सदस्य है।

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