सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनको नमन
रिपोर्ट :-नीरज अवस्थी
नई दिल्ली :-आप बापू के साथ अग्रिम पंक्ति के खड़े कर्णधारों मे थे। विलायत से बैरिस्टरी छोड़ कर आजादी के आंदोलन मे आने वाली रवायत से थे।सभी की तरह शुरू मे सशंकित थे कि गांधी जी के रास्ते से क्या हासिल होगा।पर एक बार जब भरोसा हो गया कि उन्हीं के अंदर सबको साथ लेकर चलने की कूवत है तो पीछे मुडकर नहीं देखा।उनका मुख्य योगदान रियासतों को मिलाने मे ही याद किया जाता है।पर उन्होंने नवजात लोकतंत्र को संविधान के अनुसार मजबूती दी और कानून का उल्लंघन करने वालों को भी सजा देने मे गुरेज नहीं किया।
खेड़ा आंदोलन के समय उनकी सांगठनिक और नेतृत्व
क्षमता निखर कर सामने आयी।आप की हर चीज़ पर गहरी पकड़ थी।एक बार अहमदाबाद मे भयंकर बाढ़ आई थी।तब आप रात मे ही खुद राहत कार्य के लिए निकल पड़े थे। अहमदाबाद म्युनिसिपल कार्पोरेशन का चेयरमैन होने के कारण पूरे नगर के जलभराव वाले इलाके और नालों की जानकारी थी।
लौह पुरुष सरदार पटेल सारा जीवन बिना किसी दिखावे के सादगी से रहे।आपकी बेटी मणिबेन चरखे से काते सूत से उनके लिए कुर्ता धोती बनाती थीं और उसके फट जाने पर अपनी साड़ी कुर्ती बना लेती थी।