शिया वक्फ बोर्ड पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अपनाया हिंदू धर्म
रिपोर्ट :- अंजली सिंह
उत्तर प्रदेश :- शिया वक्फ बोर्ड पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अपनाया हिंदू धर्म, डासना देवी मंदिर में यति नरसिंहानंद ने कराया शामिल उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने आज इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। सोमवार सुबह उन्होंने डासना देवी मंदिर मे शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक कर हिदू सनातन धर्म में आस्था जताई। रिजवी रविवार रात को ही आगरा से डासना देवी मंदिर में आ गए थे। वसीम रिज़वी ने सबसे पहले वैदिक मंत्रों के साथ माँ काली की पूजा की और उसके बाद उनका शुद्धिकरण हुआ। उन्हें ब्राह्मण समाज में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी नाम दिया गया। बता दें कि पिछले महीने 12 नवंबर को वसीम रिजवी ने अपनी किताब ‘मोहम्मद’ के विमोचन के बाद कहा था कि यदि उनकी हत्या कर दी जाती है, तो उनका अंतिम संस्कार सनातन धर्म के विधि विधान से किया जाए। अंतिम संस्कार का अधिकार महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरि को देते हुए कहा था कि यदि उनकी हत्या होती है तो इस्लामिक रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार न करके उनका शव महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरी को दिया जाए और स्वामी जी सनातन रीति-रिवाजों से उनका अंतिम संस्कार करें। भाजपा नेताओं ने दी बधाई… वसीम रिज़वी के इस्लाम धर्म छोड़ सनातन धर्म छोड़ने पर बीजेपी के नेताओ ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दी.इसी कड़ी में सोशल बीजेपी प्रवक्ता नवीन कुमार jindal ने सोशल मीडिया ऐप को के माध्यम से लिखा- वसीम रिजवी अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी जी के नाम से जाने जाएंगे। घर वापिस के लिए बधाई. Koo Appवसीम रिजवी अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी जी के नाम से जाने जाएंगे। घर वापिस के लिए बधाई। – Naveen Kumar Jindal 🇮🇳 (@naveenjindalbjp) 6 Dec 2021

इसके साथ ही मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्हें बधाई दी और कहा – उत्तर प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आसीन रिज़वी के फैसले का स्वागत है। भारतीय संस्कृति सदैव से वसुधैव कुटुम्बकम और विश्व के कल्याण की बात करती रही है। Koo Appअयोध्या में कारसेवकों की मेहनत से भव्य राम मंदिर बन रहा है। #शौर्य_दिवस उन लोगों के लिए पुनरावलोकन का अवसर है जो #RamMandir के निर्माण की तारीख पर सवाल खड़े करते थे। ऐसे लोगों को आज वहां अपना शीश नवाने जरूर जाना चाहिए। View attached media content – Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 6 Dec 2021

गौरतलब है कि पिछले कई सालों से वसीम रिजवी लगातार चर्चा में रहे हैं। अपने विवादित बयानों के चलते उन्हें कई बार अल्पसंख्यक संगठनों का विरोध झेलना पड़ा। इसके पहले वसीम रिजवी की किताब को लेकर भी काफी विवाद हुआ था।