वर्षों की कठिन मेहनत आज UPSI में टॉप कर मुख्यमंत्री के हाथों पाया नियुक्ति पत्र, आपको प्रेरित कर देगी तुषार अग्रहरि की ये कहानी

रिपोर्ट :- निखिल कुमार

उत्तर प्रदेश :-आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश दरोगा भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे हैं. लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इस कार्यक्रम में कुछ चयनित अभ्यर्थी आमंत्रित थे जिन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. सभी अभ्यर्थियों में हो एक नाम है वो है तुषार आरव अग्रहरि का, तुषार को सफलता की कहानी में आत्मविश्वास और परिश्रम की स्पष्ट झलक मिलेगी. हालांकि अभी कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं हुई है लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार तुषार ने प्रदेश में टॉप किया है. तुषार को कहानी के कुछ अंश जो उन्होंने बातचीत में हमसे साझा किए हैं –

सामान्य परिवार से आते हैं तुषार

तुषार एक सामान्य परिवार से आतें हैं. तुषार के पिता श्री रमेश चंद्र जी फुटकर किराना व्यापारी हैं. सामान्य आमदनी होने के बाद भी पिता ने अन्य खर्च से ज्यादा ध्यान अपने बच्चों की शिक्षा पर दिया. तुषार की माता श्रीमती राजकुमारी जी एक गृहणी हैं. तुषार रायबरेली जिले के लालगंज में रहते हैं. तुषार की प्रारम्भिक शिक्षा यहीं के सरस्वती शिशु मंदिर से हुई. तुषार ने 12 वीं की बोर्ड परीक्षा में 82 प्रतिशत अंक हासिल किए, स्नातक में भी तुषार ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.

दूसरी नौकरी के परिणाम से पहले ही छोड़ देते थे पहली नौकरी

तुषार का रिकॉर्ड देखने और बातचीत करने से हमे पता चला कि तुषार का आत्मविश्वास इतना अडिग था कि वे दूसरी नौकरी का परिणाम आने से पहले ही नौकरी छोड़ देते थे. तुषार कहते हैं कि इससे उनके मन में एक डर रहता था ये सकारात्मक डर उन्हें मार्ग से भटकने नहीं देता था.

कई नौकरी मिलीं अब दरोगा भर्ती में किया टॉप

तुषार के परिवार वालों ने बताया कि तुषार ने अपनी तैयारी 2014 में शुरू की और उन्हें जल्दी ही सफलता मिली. वे 2015 की कांस्टेबल भर्ती में चयनित हो गए. सिलसिला यहीं नहीं रुका. वर्ष 2016 में चकबंदी लेखपाल, 2018 में ग्राम पंचायत अधिकारी, 2019 में विद्युत विभाग में चयनित हुए. लोअर पीसीएस की परीक्षा में तुषार फाइनल मेरिट से बाहर हो गए. और आज 400 में से 373.67 अंक अर्जित कर दरोगा भर्ती में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए हैं.

सफलताओं की लाइन लेकिन अधूरा तुषार का सपना

तुषार ने कभी हिम्मत नहीं हारी, कांस्टेबल भर्ती में चयनित होने के बाद नौकरी की और ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती रद्द कर दी गई, लेकिन तुषार को इस बात ने तनाव नहीं बल्कि और अधिक मेहनत करने का जज्बा दिया. तुषार का सपना है कि वह सिविल सेवा में जाएं, जिसके लिए संघर्षरत हैं. जब तक यह सपना पूरा नहीं होता तब तक तुषार को सब अधूरा ही लग रहा है.

हमारी टीम की तरफ से तुषार को उज्जवल भविष्य की ढेर सारी शुभकामनाएं, जल्दी ही आपके अधूरे सपनों को पूरा करें।

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