मेरी भी अंग्रेजी इतनी अच्छी नहीं, जितनी अच्छी अंग्रेजी सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हमारे बच्चे बोल लेते हैं

रिपोर्ट :-नीरज अवस्थी

नई दिल्ली :-सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे समाज में एक गलत सोच भी बन गई थी। हमारे देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली थी। जिसके पास पैसे हैं, वो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूलों में भेजते थे। जो लोग गरीब हैं, वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते थे। सरकारी स्कूल पढ़ाई के नाम पर जीरो थे। इसलिए गरीब का बच्चा बड़ा होकर मजदूर, रिक्शेवाला बनता था और वो गरीब ही रह जाता था। वहीं, अमीरों के बच्चे बड़े होकर इंजीनियर, डॉक्टर बनते थे। हम राजनीति में आने से पहले सारी सरकारों और राजनीतिक पार्टियों से बात किया करते थे और उनसे कहते थे कि गरीबों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। तब वो कहते थे कि गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर क्या करेंगे? इनमें बुद्धिमता नहीं है। आज दिल्ली के गरीब बच्चों ने दिखा दिया कि वो किसी से कम नहीं है। वो भी इंजीनियर और डॉक्टर बन सकते हैं। इस बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के 400 से ज्यादा बच्चों ने जेई पास किया है। 400 से ज्यादा बच्चों ने नीट क्लीयर किया है। इतने बच्चों को डॉक्टरी और इंजीनियरिंग में एडमिशन हो रहा है। अब हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे बहुत ही फर्राटेदार इंगलिश बोलते हैं कि 12वीं पास करने के बाद मेरी भी इतनी अच्छी अंग्रेजी नहीं थी। आज भी मेरी अंग्रेजी इतनी अच्छी नहीं है, जितनी हमारे बच्चे अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट की बिल्डिंग बनाने वाले आर्किटेक्ट ने इस एक्सीलेंस स्कूल की शानदार बिल्डिंग बनाई है- अरविंद केजरीवाल

सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमारे गरीबों के बच्चों ने भी दिखा दिया है कि वो किसी से कम नहीं है। सिर्फ अवसर मिलने की बात है। अगर अवसर मिले, तो अपने देश के सारे बच्चे अच्छे हैं। लेकिन उनको अवसर मिलना चाहिए। सही अवसर मिलेगा, तो बच्चा आगे बढ़ेगा। आज मुझे इस स्कूल में आकर बहुत खुशी हुई। सीएम ने कहा कि अभी दिल्ली हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग बनी है। वो बहुत ही शानदार बिल्डिंग बनी है। जिस आर्किटेक्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की शानदार बिल्डिंग बनाई है, उसी ने यह स्कूल भी बनाया है। वो दिल्ली का सबसे बड़ा आर्किटेक्ट है। उनका नाम गुरमीत चौहान है। जो सबसे बड़े आर्किटेक्ट हैं और देश की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाते हैं, वो आज हमारे दिल्ली के सरकारी स्कूलों को डिजाइन कर रहे हैं। इस स्कूल की लैब, क्लास रूम और स्टाफ रूम बहुत ही शानदार है। सभी बच्चें खूब पढ़े हैं, खूब आगे बढ़ें और देश का नाम रौशन करें। ऐसी मेरी भगवान से प्रार्थना है।

हमें अपने स्कूलों को नंबर-1 बनाना है और स्कूलों के माध्यम से देश को भी नंबर-1 बना सकते हैं- मनीष सिसोदिया

इस अवसर पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीएम श्री अरविन्द केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली के स्कूलों में शानदार काम हो रहे हैं। उसी क्रम में हम न सिर्फ एक स्कूल खोल रहे हैं, बल्कि माता सरस्वती के मंदिर स्थापित कर रहे हैं। इस स्कूल को बनाने के पीछे काफी संघर्ष रहा है। यहां बड़े-बड़े ताकतवर लोगों से लड़कर भू-माफियाओं से स्कूल की इस जमीन को छुड्वाया गया और सुनिश्चित किया गया कि स्कूल की जमीन पर स्कूल ही बनेगा। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति अरविन्द केजरीवाल जी के पास ही है। अरविंद केजरीवाल जी का सपना है कि हमें अपने स्कूलों को नंबर-1 बनाना है। देश को नंबर-1 हम स्कूलों के माध्यम से बना सकते है और शिक्षा को शानदार कर देश को नंबर-1 बनाना ही अरविंद केजरीवाल जी की राजनीति है। मुझे ख़ुशी कि दिल्ली सरकार के स्कूल की यह बिल्डिंग इतनी शानदार बनी है। इसके पीछे सतेन्द्र जैन जी की दूरदर्शिता है। हालांकि कुछ षड्यंत्रकारी लोगों ने झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल में बंद कर रखा है, लेकिन एक न एक दिन सच्चाई जरुर जीतेगी।

इंजिनियर-डॉक्टर बनने के लिए बच्चे कोटा में महंगी कोचिंग लेते है, लेकिन हमने कोटा में होने वाली पढाई को अपने स्कूलों में ला दिया है- मनीष सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि यहां डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस बनेगा और करीब 1600 बच्चे यहां से प्राइवेट स्कूलों से भी उच्च स्तर दर्जे की शिक्षा प्राप्त करेंगे। इस स्कूल में बच्चों को स्टेम, ह्युमैनिटीज़ और 21वीं सदी की हाई एंड स्किल्स की अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की हाई एंड स्किल्स के इस नए कांसेप्ट में बच्चों को 21वीं सदी के स्किल्स जैसे रोबोटिक्स, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग आदि की शानदार शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इंजिनियर-डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले बच्चे कोटा में पढाई करने जाते है। महंगी कोचिंग लेते है, लेकिन अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में हमने कोटा और महंगी कोचिंग में होने वाली पढाई को अपने स्कूलों में ला दिया है। इसलिए इस नए डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में हमारे बच्चों को बाहर विद्या मंदिर क्लासेज में जाने की जरुरत नहीं है। वीएमसी की क्लास बच्चों को उनके स्कूल में ही मिलेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का हर तबके के बच्चों को वर्ल्ड-क्लास शिक्षा देने का यही विज़न है और हम हमेशा इस दिशा में काम करते रहेंगे।

पुरानी जर्जर बिल्डिंग को तोड़कर बनाई गई है शानदार नई बिल्डिंग

दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड ने अपने तीन पुराने जर्जर स्कूल बिल्डिंग को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को सौंप दिया है। इसमें से एक स्कूल जनकपुरी स्थित डेसु कॉलोनी में है। जबकि अन्य दो स्कूल त्रिपोलिया और सराय काले खां में हैं। इन दोनों स्कूलों की नई बिल्डिंग बनाई जा रही और निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है। लोक निर्माण विभाग ने मई 2021 डेसु कॉलोनी में नव निर्मित स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू किया था। लोक निर्माण विभाग ने स्कूल के जर्जर भवन को तोड़कर नए सिरे से बिल्डिंग का निर्माण कार्य चालू किया और मात्र 17 महीने (डेढ़ साल से भी कम समय में) स्कूल की नई बिल्डिंग बनाकर तैयार कर दिया। स्कूल पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस है और अब इस शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए तैयार है।

स्कूल में बने हैं 45 क्लास रूम

यह स्कूल करीब 8600 वर्ग मीटर में फैला है और पूरी बिल्डिंग में 112 रूम हैं। जिसमे –

  • 45 क्लास रूम
  • 8 लैब्स
  • 1 लाइब्रेरी
  • एक मल्टी परपज हॉल
  • 13 अधिकारी और स्टाफ रूम
  • 26 शौचालय
  • 5 सीढ़ी
  • 2 लिफ्ट

इस साल स्कूल में स्टूडेंट्स ले सकेंगे दाखिला

स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में ह्यूमैनिटीज और 21वीं सदी की स्किल्स की विशेषज्ञता दी जाती है। डेसु कॉलोनी में नव निर्मित स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में इस वर्ष ह्यूमैनिटीज और 21वीं सदी की स्किल्स की विशेषज्ञता हासिल करने के लिए क्रमशः 120-120 छात्र-छात्राएं कक्षा 9 में प्रवेश लेंगे। जब यह स्कूल पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तब इसमें एक हजार छात्र – छात्राएं दाखिला ले सकेंगी।

दिल्ली में जल्द ही हो जाएंगे 44 एसओएसई

दिल्ली सरकार की योजना 2022-23 में 13 डॉ. बी आर अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एसओएसई) के लिए पांच नए स्कूल भवन बनाकर समर्पित करने की है। यह उन 31 एसओएसई के अतिरिक्त है। पहले से चल रहे 31 एसओएसई में लगभग 5500 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इनके बन जाने के बाद दिल्ली में 36 बिल्डिंग 44 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस हो जाएंगे जहां करीब 10 हजार छात्र दाखिला ले सकेंगे।

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