मंगल ग्रह पर मिला पानी, इंतजार हुआ खत्म
रिपोर्ट:- कशिश
नई दिल्लीः मंगल ग्रह पर मिला पानी, इंतजार हुआ खत्म अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के साइंटिस्ट ने मंगल ग्रह पर पानी का स्रोत खोज लिया है। वैज्ञानिकों को मंगल की जमीन के अंदर यानी नीचे तीन झीलें मिली हैं। आपको बता दें कि दो साल पहले भी मंग्रल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर एक बहुत बड़े नमकीन पानी वाली झील का पता चला था. यह झील बर्फ के नीचे दबी है। यानी भविष्य में मंगल ग्रह पर जाकर बसा जा सकता है अगर उस पानी का उपयोग किया जा सके तो।
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के स्पेसक्राफ्ट मार्स एक्सप्रेस ने 2018 में जिस जगह पर बर्फ के नीचे नमकीन पानी की झील खोजी थी। इस झील को पुख्ता करने के लिए 2012 से 2015 तक मार्स एक्सप्रेस सैटेलाइट 29 बार उस इलाके से गुजरा। तस्वीरें लीं। उसी इलाके के आसपास उसे इस बार फिर तीन और झीलें दिखाई दी हैं. इन तीन झीलों के लिए स्पेसक्राफ्ट को 2012 से 2019 के बीच 134 बार ऑब्जरवेशन करना पड़ा है।
मंगल ग्रह की सतह पर पानी तरल अवस्था में देखा गया है। विज्ञान मैगजीन नेचर एस्ट्रोनॉमी में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। 2018 में खोजी गई झील मंगल ग्रह के दक्षिणी ध्रुप पर स्थित है। यह बर्फ से ढंकी हुई है। यह करीब 20 किलोमीटर चौड़ी है। यह मंगल ग्रह पर पाया गया अब तक का सबसे बड़ा जल निकाय है।
मंगल ग्रह पर पानी के स्रोतों का बेहद दुर्लभ और जालनुमा ढांचा दिख रहा है। जिसे हम समझने का प्रयास कर रहे हैं। पहले के शोध में मंगल के धरातल पर तरल जल के संभावित चिन्ह मिले थे।
मंगल एक सूखा और बंजर ग्रह नहीं है जैसा कि पहले सोचा जाता था। कुछ निश्चित परिस्थितियों में पानी तरल अवस्था में मंगल पर पाया गया है। वैज्ञानिक लंबे समय से यह मानते आ रहे थे कि कभी पूरे लाल ग्रह पर पानी भरपूर मात्रा में बहता था। तीन अरब साल पहले जलवायु में आए बड़े बदलावों के कारण मंगल का सारा रूप बदल गया।
अमेरिकी रोबोट्स रोवर क्यूरियोसिटी और ESA के सैटेलाइट्स की वजह से यह पता लगाना आसान हो गया है कि मंगल पर किस जगह नमी है। किस जगह सूखा है. रोवर्स ने पता लगाया है कि वहां हवा में कहीं अधिक आद्रता है। इस ग्रह की सतह की खोज में जुटे रोवर्स ने यह भी पाया है कि इसकी मिट्टी पहले लगाए गए अनुमानों से कहीं अधिक नम है।