बिहार में तेजी से घटे कोरोना केस जिसकी वजह से सरकार ने ली राहत की सांस
रिपोर्ट:- कशिश
बिहार :- कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में बिहार काफी आगे निकलता दिख रहा है क्योंकि यहां के की संख्या उल्लेखनिया ढंग से कम हो गई है। विशेषज्ञों की राय है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट का व्यापक उपयोग भी देशों में गिरावट का एक कारण हो सकता है। जो पहले से ही सवालों के घेरे में है।
महामारी के शुरुआती दिनों में स्वास्थ्य विशेषज्ञ बिहार को लेकर चिंतित है क्योंकि यहां ना से भारत की सबसे ज्यादा प्रवासी आबादी रहती है बल्कि स्वास्थ्य सुविधाएं भी बहुत कम है।
अगर सितंबर के पिछले दो हफ्तों की तुलना अगस्त की अभी से करें तो राज्य के लगभग सभी जिलों में कम केस दर्ज किए गए हैं।
जिलेवार आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार के 38 में से 36 जिलों में कोरोना केस ओं की संख्या कम हो गई है। सबसे ज्यादा गिरावट पटना में दर्ज की गई है। इसके अलावा पश्चिम पंचायत में, बेगूसराय में, मधुबनी में, कम केस दर्ज हुए हैं सिर्फ सुपुल और जमुई ही दो ऐसे जिले हैं जहां सितंबर की अवधि में ज्यादा केस दर्ज हुए हैं।
नए केस में यह गिरावट ऐसे समय में दर्ज की गई है जब राज्य सरकार लेकर आना कि रोजा टेस्टिंग बढ़ा दी है।
बिहार में ज्यादातर रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं इसमें टेस्ट का रिजल्ट जल्दी मिल जाता है लेकिन इसकी हकीकत संदिग्ध है। 21 सितंबर के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 92 सीसी इंजन टेस्ट हो रहे हैं।
पटना एम्स में मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ रवि कीर्ति के मुताबिक हम भी नोटिस कर रहे हैं कि पिछले महीने से कम के आ रहे हैं। पिछले महीनों की तुलना में अब खासकर जुलाई और अगस्त में अस्पतालों पर कम दबाव है। रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग अब बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।