फेक न्यूज पर आधारित है भाजपा की राजनीति – आतिशी

रिपोर्ट :- नीरज अवस्थी

नई दिल्ली :-आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल का कृषि कानूनों का समर्थन करने वाला फर्जी वीडियो डालने पर कोर्ट ने भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। तीस हजारी कोर्ट ने आईपी स्टेट पुलिस थाने को आदेश दिया है कि भाजपा नेता संबित पात्रा ने जो फेक वीडियो डाला है, उसपर एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने 30 जनवरी 2021 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का फर्जी वीडियो डाला। जबकि ट्विटर खुद कह रहा था कि यह वीडियो गलत है। यह वीडियो पुलिस जांच, फॉरेंसिक लैब और कोर्ट में फेक साबित हुआ है। असलियत यह है कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने इन तीनों कृषि कानूनों का बार-बार विरोध किया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ‌से 2 फरवरी को फर्जी वीडियो की शिकायत कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद 24 फरवरी को कोर्ट गए, जहां पर 4 सुनवाई के बाद 21 नवंबर को जस्टिस ऋषभ कपूर ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस घटनाक्रम से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि भाजपा की राजनीति फेक न्यूज पर आधारित है।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने 30 जनवरी 2021 को एक ट्वीट किया था। जिसकी हेडिंग दी ‘तीनों फॉर्म बिल के लाभ के गिनाते हुए सर जी’। जहां पर उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक तथाकथित ऐसा इंटरव्यू दिखाया कि जिसमें उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल पहले तो तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में बोल रहे थे, अब पलट गए हैं। ऐसा वीडियो उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर डाला। जबकि ट्विटर खुद कह रहा था कि यह वीडियो गलत है। ट्विटर ने खुद उस ट्वीट के बाद मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग भी लगा दिया। लेकिन उसके बावजूद संबित पात्रा ने इस वीडियो को अपने टि्वटर हैंडल से नहीं हटाया। क्योंकि फेक न्यूज़ फैलाना और एडिटेड वीडियो डालना भाजपा के लिए कोई नई बात नहीं है।

उन्होंने कहा कि अक्सर देखते हैं कि भाजपा के आधिकारिक हैंडल और उनसे जुड़े हुए अनऑफिशियल हैंडल से ऐसी फोटो और वीडियो निकलती है, जिन्हें बार बार अलग-अलग न्यूज़ एजेंसी फेक न्यूज़ साबित करती हैं। अल्ट न्यूज़ जैसी संस्थाओं ने भाजपा के टि्वटर हैंडल, सोशल मीडिया हैंडल से पोस्टेड फोटो वीडियो को आधिकारिक तौर पर फेक साबित किया है। लेकिन ऐसा लगता है कि इन कुछ पार्टियों की राजनीति फेक न्यूज़ के आधार पर ही चलती है। उसी का एक प्रमाण है जो संबित पात्रा ने 30 जनवरी को अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो डाला।

वहीं असली और फर्जी वीडियो को दिखाते हुए आतिशी ने कहा कि पुलिस जांच, फॉरेंसिक लैब और कोर्ट में वीडियो फेक साबित हुआ। हकीकत यह है कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने पंजाब, दिल्ली में इन तीनों कृषि कानूनों का बार-बार विरोध किया था। दिल्ली की विधानसभा, प्रेस कॉन्फ्रेंस और सड़कों पर उतर कर विरोध किया था। सीएम अरविंद केजरीवाल ने जी हरियाणा/पंजाब चैनल को इंटरव्यू दिया था। उसके कुछ हिस्सों को जहां पर अरविंद केजरीवाल यह बोल रहे हैं कि बीजेपी के नेता ऐसा कहते है कि इन कानूनों से यह फायदा होगा। ‘बीजेपी के नेता यह कहते हैं’ उसको हटा दिया जाता है। ऐसा नहीं है कि संबित पात्रा को असली वीडियो का पता नहीं था कि अरविंद केजरीवाल इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल बार-बार टीवी पर अपने भाषणों में कानून में क्या कमियां हैं वह गिनवा रहे थे। लेकिन यह सब जानते हुए भी उन्होंने ऐसा फेक वीडियो डाला।

विधायक ने कहा कि ओरिजिनल वीडियो से स्पष्ट है कि किस तरह से इस वीडियो को एडिट किया गया। असल में किसान बिल की अरविंद केजरीवाल कमियां बता रहे थे। वह कह रहे थे कि भाजपा नेता कहते हैं कि फायदा होगा। लेकिन यह फायदा नहीं है। अरविंद केजरीवाल आगे कहते हैं कि अगर एमएसपी की लीगल गारंटी मिल जाए तो वह सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा। उस एक वाक्य को एडिट करके इस फेक वीडियो में यूज़ किया जाता है। यह स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल ने जो तीनों किसान कानून के विरोध में बोला। उसके साथ छेड़छाड़ कर संबित पात्रा ने अपने ट्विटर की टाइमलाइन पर डाल दिया।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि आज मुझे खुशी इस बात की है की ऐसी फेक न्यूज़ पर देश की कानून व्यवस्था ने एक कड़ी कार्रवाई की है। दो दिन पहले 23 नवंबर 2021 को तीस हजारी कोर्ट ने इस फेक न्यूज़ पर एक बहुत सख्त आर्डर दिया है। आईपी स्टेट पुलिस थाने को आदेश दिया है कि संबित पात्रा ने जो फेक वीडियो डाला है उनपर एफआईआर दर्ज की जाए। हमारे देश की इस कानून व्यवस्था के आदेश से जो लोग फेक न्यूज़ सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं। इसके माध्यम से अलग-अलग समाजों और समुदायों के बीच में नफरत पैदा करते हैं और राजनीतिक दलों के नेताओं को डिफेम करने की कोशिश करते हैं। आज हमारी देश की कानून व्यवस्था ने उन पर एक कड़ा तमाचा मारा है। उनको वार्निंग दी है कि आप सावधान हो जाओ। अगर आपने फिर से ऐसी फेक न्यूज़, फर्जी वीडियो को डाला तो न्याय व्यवस्था के सामने जवाबदेही देनी होगी।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश जब तक तीस हजारी कोर्ट ने इस पर कार्रवाई के आदेश नहीं दिए तब तक दिल्ली पुलिस ने इस पर स्वत: कोई भी कार्रवाई नहीं की। यह वीडियो 30 जनवरी को पोस्ट हुआ और उसके बाद 2 फरवरी को मैंने आईपी स्टेट पुलिस थाने में जाकर शिकायत की। एफआईआर फाइल करने की मांग की लेकिन उस पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई। तीन दिन के बाद मैंने डीसीपी ऑफिस में शिकायत डाली कि ऐसा फर्जी वीडियो पोस्ट किया गया है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन इसके जवाब में भी एफआईआर फाइल नहीं की गई। इसके अलावा नोटिस संबित पात्रा को नहीं बल्कि मुझे भेजा गया कि आपने ऐसी शिकायत क्यों दर्ज की है। उन्होंने संबित पात्रा को इन्वेस्टिगेशन के लिए नहीं बुलाया बल्कि मुझे बुलाया जिसने यह फेक फेक न्यूज़ रखी थी।

विधायक आतिशी ने कहा कि हमने इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के सामने सारे तथ्य और दोनों वीडियो रखे। जब फाइनली दिल्ली पुलिस संबित पात्रा के पास पहुंचती है तो उसी दिन संबित पात्रा के ट्विटर हैंडल से वीडियो डिलीट हो जाता है। दिल्ली पुलिस ने संबित पात्रा को क्या सलाह दी? ऐसा क्या हुआ कि यह ट्वीट जो इतने दिनों से मैनिपुलेटेड मीडिया होने के बावजूद उनकी ट्विटर टाइम लाइन पर था,‌ लेकिन दिल्ली पुलिस उनसे मिलने जाती है तो इस ट्विट को हटा दिया जाता है? इस सब के बावजूद पुलिस ने एफआईआर फाइल नहीं की। हम इस मामले को 24 फरवरी को कोर्ट लेकर गए। जहां पर 4 सुनवाई के बाद 21 नवंबर को जस्टिस ऋषभ कपूर ने यह आदेश पारित किया है। जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है कि यह वीडियो फर्जी है। इसके अलावा फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट मैं स्पष्ट तौर पर दिखाया है कि यह एडिटेड वीडियो और फर्जी वीडियो है। इसके आधार पर सख्त कार्रवाई के आदेश न्यायालय की तरफ से दिल्ली पुलिस को दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि भले इस मामले में कई महीने लग गए, लेकिन फिर भी आज यह फेक न्यूज़ फैलाने वालों के लिए एक संदेश है। आप कोशिश कर सकते हैं कि आप फेक न्यूज़ फैलाएं, लोगों को गालियां दे, समुदायों को लड़ाने और अरविंद केजरीवाल को लेकर किसानों को भड़काने की कोशिश करें। लेकिन आखिरकार आपकी जवाबदेही बनेगी। आपको कानून का सामना करना पड़ेगा।

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