पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लेने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई नेताओं ने दी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया ऐप कू के माध्यम से बोले- शायद हम उन लोगो को समझाने में कहीं न कहीं विफल रहे

रिपोर्ट :- अंजली सिंह

उत्तर प्रदेश :- आज सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम सम्बोधन देते हुए कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा की. जहा विपक्ष इसे चुनाव के भय से लिया गया निर्णय बता रहा है तो भाजपा इस लोकतंत्र का सम्मान किये जाने वाला निर्णय बता रही है. इसी कड़ी में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल मीडिया ऐप कू पर अपना २.30 मिनट का वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- जब किसान संगठन तीन कृषि कानूनके विरोध में आए थे तब केन्द्र सरकार ने हर स्तर पर संवाद का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि हालांकि लोगों के एक बड़े वर्ग का मानना था कि इस तरह के कानून किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक आवश्यक भूमिका निभा सकते हैं. जब किसान संगठनों ने इसका विरोध किया तो सरकार ने सभी स्तरों पर संवाद स्थापित करने का प्रयास किया था. हम सब जानते हैं कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे, आज गुरुपर्व पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र में संवाद की भाषा का इस्तेमाल करते हुए, तीनों कृषि कानून को वापस लेकर जो ऐतिहासिक कार्य किया है. मैं उसके लिए उनके इस कदम का स्वागत और अभिनन्दन करता हूं. इस सम्बंध में एक बड़ा समुदाय ऐसा था को इस बात को मानता था कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए इस तरह के कानून महत्वपूर्ण भूमिका तय कर सकते हैं, लेकिन उस सबके बावजूद कतिपय किसान संगठन इस के विरोध में आये तो सरकार ने हर स्तर पर संवाद बनाने का प्रयास किया. इस दौरान यह भी हो सकता है कि हम लोगों की तरफ से कोई कमी रह गई होगी. शायद हम उन लोगो को समझाने में कहीं न कहीं विफल रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के इस भाव का सम्मान करते हुए पीएम मोदी का तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी को भी लेकर एक समिति के गठन करने का हम प्रदेश सरकार की ओर से स्वागत करते हैं. इसके साथ ही सभी को गुरुपर्व की की शुभकामनाएं देते हैं।

इसके साथ ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्क्षय शिवपाल सिंह यादव भी सोशल मीडिया ऐप कू पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहते है- आखिर कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ चल रहा अन्नदाताओं का संघर्ष एक मुकम्मल मुकाम पर पहुंचा और इस अहंकारी सरकार को जन आकांक्षा के आगे घुटने टेकने पड़े यह सुखद है कि लंबे चले संघर्ष के बाद किसानों की जीत हुई।

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