पीएम उदय के नाम पर जमीन रजिस्टर करने वालों में दिल्ली के लैंडमाफिया और बड़े-बड़े नेता भी शामिल है, जो अब उन्हें कैंसिल करा रहे हैं

रिपोर्ट :-नीरज अवस्थी

नई दिल्ली :-डीडीए की बैठक में एलजी विनय कुमार सक्सेना के सामने “आप” विधायक और डीडीए सदस्य सोमनाथ भारती ने पीएम उदय योजना की रजिस्ट्री में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम उदय योजना में रजिस्ट्री के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत ली जा रही है। डीडीए में भ्रष्टाचार करके दिल्ली की जनता के साथ ठगी हो रही है। पीएम उदय योजना को अब 3 साल गुजर चुके हैं। डीडीए ने अभी तक 8 लाख में से सिर्फ 15 हजार ही रजिस्ट्री ही करके दी है। इस गति से तो सभी को रजिस्ट्री देने में 160 साल लगेंगे। वहीं डीडीए के 41 स्क्वायर मीटर प्लॉट का नियम के हिसाब से 800 रुपये जार्च नहीं किया, बल्कि 3 हजार रुपये जार्च किया है। एक लाख रुपए रिश्वत अलग से ली है। ऐसे में अगर 15 हजार रजिस्ट्री को इस तरह से चार्ज किया होगा तो यह कम से कम डेढ़ सौ करोड़ रुपये का स्कैम है। बहुत सारे लोगों ने खाली सरकारी जमीनों को पीएम उदय के नाम पर रजिस्टर करा दिया। अब 364 ऐसे प्लॉट्स की डीडीए ने पहचान की जो सरकारी जमीन थी, जिसे पीएम उदय के नाम पर दिल्ली का लैंडमाफिया जिसमें बड़े-बड़े नेता भी शामिल हैं। अब उन्हें कैंसिल करा रहे हैं। एलजी से बैठक में मांग की है कि इसकी पूरी जांच एक निष्पक्ष तरीके से की जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सोमनाथ भारती ने पार्टी मुख्यालय में आज महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि मैंने दो दिन पहले देश के लोगों को बताने का प्रयास किया था कि पीएम उदय कितना बड़ा स्कैम बनकर उभर रहा है। एलजी के सामने आज स्कैम के विवरण रखूंगा। पीएम मोदी ने 2019 में आम आदमी पार्टी व अरविंद केजरीवाल जी की पॉजिटिव पॉलिटिक्स को कंपीट करने के लिए पीएम उदय योजना चलाई थी। जहां सीएम अरविंद केजरीवाल ने 1731 और अनाधिकृत कॉलोनियों में हजारों-करोड़ों रुपये खर्च करके नालियां, गलियां, सीसीटीवी जैसी हर मूलभूत सुविधाएं विकसित कर निवासियों की समस्याओं का समाधान किया था। वहीं, पीएम उदय योजना के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों में रह रहे निवासियों को लुभाने का प्रयास किया। वह प्रयत्न बड़ा जुमला साबित हुआ।

विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि 50 लाख लोगों को फायदा पहुंचाने के नाम पर पूरे दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो के साथ होर्डिंग लगाए गए थे। कहा गया कि 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों में करीब 8 लाख घर हैं। उन सभी को रेगुलराइज कर रजिस्ट्री कराएंगे। अब 3 साल गुजर चुके हैं। डीडीए के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 8 लाख में से सिर्फ 15 हजार ही रजिस्ट्री करके दी है। मैंने एलजी से भी यह बात कही कि इस गति से तो सभी को रजिस्ट्री देने में 160 साल लगेंगे। यह साफ-साफ दिख रहा है कि जिस तरह से उनका 15 लाख देने का वादे की तरह यह भी वादा जुमला साबित हो रहा है। एलजी के सामने आज यह बात रखी कि यह 160 साल का प्लान है। चूंकि डीडीए के सभी अधिकारी वहां बैठे थे। इसे संबंध में किसी के पास कोई जवाब नहीं था।

उन्होंने कहा कि डीडीए के तीन प्लान थे। जिसमें 100 स्क्वायर मीटर से नीचे वाले मकान के साइज का रजिस्ट्रेशन कॉस्ट 800 रुपये है। 100 स्क्वायर मीटर से ज्यादा लेकिन ढाई सौ स्क्वायर मीटर से कम है उसका रजिस्ट्रेशन कॉस्ट 1 हजार रुपये है। ढाई सौ स्क्वायर मीटर से ज्यादा वाले का रजिस्ट्रेशन कॉस्ट ढाई हजार रुपये और इसके अलावा जीएसटी। इसे लेकर आज एलजी को बताया कि 41 स्क्वायर मीटर, का उसडीडीए ने 800 रुपये जार्च नहीं किया, बल्कि डीडीए ने 3 हजार रुपये जार्च किया है।

विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि हर रजिस्ट्री के साथ डीडीए का अधिकारी कम से कम 1 लाख रुपये की रिश्वत ले रहा है। इस प्रकार के दो सेंटर है, जिसमें एक लक्ष्मी नगर पीएम उदय प्रोसेसिंग सेंटर है और दूसरा पीएम उदय प्रोसेसिंग सेंटर मुनिरका है। लक्ष्मी नगर पीएम उदय प्रोसेसिंग सेंटर में पंकज तोमर को सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। वहीं, पीएम उदय प्रोसेसिंग सेंटर मुनेरका में डीडीए में ईडी अवनीश डागर को रिश्वत लेते हुए सस्पेंड किया था। बिल्कुल प्रूफ के साथ एलजी को बताया कि अगर 1 लाख रुपये भी रिश्वत का साइज लें तो 15 हजार पर डेढ सौ करोड़ रुपये का स्कैम हो चुका है। ये पैसा कहां तक जा रहा है और क्या सिर्फ ईडी तक जा रहा है? यह जांच का विषय है। बैठक के दौरान एलजी विनय कुमार सक्सेना से कहा कि इस मामले में जांच कर पता करें कि ये पैसा कहां तक पहुंच रहा है? मनी ट्रेल निकालें कि अगर यह पैसा किसी अकाउंट में गया तो वहां से फिर कहां पहुंचा? मनी ट्रेल का कार्य ईडी करेगी। क्योंकि यह ईडी का असली काम है। जहां ईडी का काम है वहां उन्हें लगाया नहीं जा रहा है। जहां बिल्कुल भी भ्रष्टाचार नहीं है वहां ईडी औऱ सीबीआई सभी लगे हुए हैं। इसी का परिणाम रहा कि सीबीआई के एक अधिकारी ने आत्महत्या कर ली। इस तरह से एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है।

विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि हमने एलजी के सामने रखा कि इसकी पूरी जांच हो। साथ में यह बात भी रखी कि अगर आप किसी भी सेंटर के आगे किसी को भेज कर देखें कि किस तरह से गरीबों के साथ जुर्म हो रहा है। मेरे पास महरोली से एक व्यक्ति आय़ा था। वह महरोली से हौज खास तक साइकिल से आता है। इससे पहले 6 बार आ चुका है। अब सोच सकते हैं कि किस प्रकार से ये असवेंदनशील सरकार है। लोगों को बिल्कुल भी चिंता नहीं है। गरीब इन जालिमों के हाथ सताया जा रहा है। अगर आप रजिस्ट्री करने देने वालों की 8 लाख की संख्या लें और 1 लाख रुपये रिश्वत का साइज लें तो यह 8 हजार करोड़ रुपये का स्कैम है। ये पैसा कहां पहुंच रहा है? कौन खा रहा है? किसके पास जा रहा है? इसकी जांच करना एलजी साहब का दायित्व है। साथ ही पता करें कि ये पैसा कहां जा रहा है? कौन-कौन से नेता व अधिकारी इसमें शामिल है? इसके अलावा जो दो ईडी पकड़े गए है उनसे ढंग से पूछताछ की जाए। साथ ही पैसे का पूरा ट्रेल निकाला जाए। इसे लेकर आज हमने सारी बातें आथॉरिटी की बैठक में एलजी साहब के सामने रखी। उन्होंने कहा कि पहले हमने ही यह मुद्दा उठाया था कि किस तरह से पीएम उदय के नाम पर रजिस्ट्री की जा रही है। इसका जवाब आया कि मेरा आरोप सत्य था। बहुत सारे लोगों ने खाली सरकारी जमीनों को पीएम उदय के नाम पर रजिस्टर करा दिया। अब वो कह रहे है कि हां 364 ऐसे प्लॉट्स की डीडीए ने पहचान की जो सरकारी जमीन थी, जिसे पीएम उदय के नाम पर दिल्ली का लैंडमाफिया इसमें बड़े-बड़े नेता भी शामिल है, उन्हें अब कैंसिल करा और कर रहे हैं। इन सभी मुद्दों को आज एलजी साहब के सामने रखा। हमने मांग कि है कि इसकी पूरी जांच एक अनबाइस्ड मैनर्स में हो, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

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