सोशल मीडिया के इस जमाने में नए साल पर खत्म कर दिया ग्रीटिंग कार्ड देने का चलन
रिपोर्ट :- कशिश / दौलत शर्मा
नई दिल्ली :-कहते हैं परिवर्तन प्रकृति का नियम है और परिवर्तन के सहारे ही लगातार सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर बीसवीं सदी तक मनुष्य ने तमाम प्रकार की प्रगति की है। इंसानी खोजों को अगर ध्यान से देखा जाए तो दैनिक जीवन में काम आने वाली सबसे बड़ी खोज सोशल मीडिया है, सोशल मीडिया का जमाना आते ही नए साल पर ग्रीटिंग कार्ड्स देने का प्रचलन लगभग विलुप्त सा हो चुका है।
नए साल पर यूं तो 2020 के विदाई के लिएग्रीटिंग कार्ड्स का व्यापार करने वाले ट्रेडर्स। एक जमाना था जब नए साल की सारी बधाइयां और शुभकामनाएं सिर्फ ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से ही दी जाती थी। लिए लोग ग्रीटिंग कार्ड का सहारा लेते थे। लेकिन व्हाट्सएप और फेसबुक के इस दौर में ग्रीटिंग कार्ड विलुप्त हो चुका है।
ग्रीटिंग कार्ड के जमाने को याद करते हुए दक्षिणी दिल्ली के रहने वाले अमरदीप ने हमसे अपनी पुरानी यादें ताजा की। अमरदीप बताते हैं कि किस प्रकार से जब वह स्कूल में थे तो ग्रीटिंग कार्ड खरीदने के लिए पैसे इकट्ठे करना कई महीने पहले से चालू कर देते थे। वह कहते हैं कि ग्रीटिंग कार्ड का जमाना भी अपने आप में बेहद खास संस्मरण को संजोए हुए हैं। स्कूल में साथ पढ़ने वाले सारे दोस्त करीबी और रिश्तेदारों को ग्रीटिंग कार्ड से नववर्ष की बधाई देना बेहद खास हुआ करता था। ग्रीटिंग कार्ड को खरीदने की जद्दोजहद और उसके बाद खुद बैठ कर उस पर कलम से कलाकारी कर अपने खास के लिए एक खास मैसेज भेजना ग्रीटिंग कार्ड के महत्व को बयां करता था।
पूजा महरौली महरौली की रहने वाली सरोज रानी से भी जब हमारे संवाददाता ने बातचीत की तो उन्होंने ग्रीटिंग कार्ड्स के जमाने को याद करते हुए अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि पहले हम नए साल की बधाई ग्रीटिंग कार्ड्स खरीद कर और उस पर अपने संदेश को लिखकर लोगों को रूबरू होकर देते थे लेकिन आज जब सोशल मीडिया और मोबाइल एप्लीकेशंस का दौर है हम सिर्फ एक मैसेज के सहारे लोगों को शुभकामनाएं और बधाई दे देते हैं।
आपको बता दें कि जो तो नए साल के मौके पर ट्विटर फेसबुक और व्हाट्सएप हर जगह पर नए साल के स्वागत का है हैशटैग ट्रेंड करेगा लेकिन ग्रीटिंग कार्ड के जमाने वाले लोगों को आज भी उसकी कमी खलती है।