29 दिसंबर को क्या दिल्ली वालों को बंद बॉर्डरओं से मिलेगी राहत
रिपोर्ट:- दौलत शर्मा
नई दिल्ली :/किसान आंदोलन अब और भी बड़ा होता जा रहा है और किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। और यह जो खाई किसानों और सरकार के बीच है अब वह कहीं ना कहीं भर्ती हुई नजर आएगी क्योंकि किसान संघ ने सरकार को बातचीत का प्रस्ताव भेजा है जो कि 29 दिसंबर को बातचीत का दिन तय किया गया है और सरकार की तरफ से यह आश्वासन दिया जा रहा है कि इस बार किसानों की मांग पर पूरी तरह से ध्यान दिया जाएगा और जो किसानों के अंदर सरकार को लेकर और इस कानून को लेकर गलतफहमी है उसको पूरी तरह से दूर किया जाएगा बता दें कि किसान आंदोलन को लगातार एक महिना होगया है।
और किसान अभी भी अपनी मांगों को को लेकर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से इस बिल को निरस्त करने की बात कह रहे हैं हालांकि सरकार की तरफ से बातचीत के अवसर खोले गए थे गए थे थे और 6 बैठकों के बाद भी कोई हल नहीं निकला गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को भी किसानों ने अस्वीकार कर दिया उसके बाद से किसानों का प्रदर्शन का प्रदर्शन और भी बड़े पैमाने पर बढ़ रहा है और लगातार किसानों की भीड़ बॉर्डर पर बढ़ती जा रही है प्रदर्शन के लिए और अब राजनीतिक पार्टियां भी भी पार्टियां भी भी इसमें कूद रही है और इसे एक तरह से पूरा राजनीतिक तरह से पूरा राजनीतिक से पूरा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है सरकार के लगातार बातचीत करना चाह रही है मगर किसान अड़े हुए हैं हुए हैं बिल को पूरी तरह से नष्ट किया जाए।
अब वह कोई बातचीत नहीं करना चाहते हैं। दिल्ली फरीदाबाद बॉर्डर बदरपुर बॉर्डर पर भी तनाव की स्थिति बनी हुई है जिसकी वजह से सिक्योरिटी लगातार सख्त की जा रही है और लोगों को जाम की समस्या से भी लगातार गुजारना पड़ रहा है 30 दिन भी सिक्योरिटी सख्त है भी सिक्योरिटी सख्त है है जगह-जगह बैरिकेड से लगाए गए हैं लगाए गए हैं मैं ऊपर कील कील मिट्टी से भरे डंपर खड़े हैं क्रेन खड़ी है किसान आंदोलन किसानों की भीड़ दिल्ली बदरपुर बॉर्डर की तरफ आती है उनको रोकने के लिए सभी जमात की हुए हैं जिससे ऑटो वालों और हैं।
जिससे ऑटो वालों और हुए हैं जिससे ऑटो वालों और हैं जिससे ऑटो वालों और पैदल चलने वालों को काफी दिक्कत हो रही है क्योंकि अब बॉर्डर पार नहीं करने दिया जा रहा है ऑटो स्टैंड से एक – एक किलोमीटर पहले ही अपना ऑटो खड़ा कर रहे हैं और पैदल ही लोगों को बॉर्डर पार करने पड़ रहे हैं जो कि एक बहुत बड़ी समस्याओं पर भी भी भी समस्याओं पर भी भी एक बहुत बड़ी समस्याओं पर भी भी भी नजर आ रही है लगातार बनी हुई है ऑफिस टाइम होता है तो बैरिकेड की वजह से और पैदल मुसाफिर की वजह से पूरे बॉर्डर पर जाम लग जाता है अभी देखा जाए तो वहां कोई ऐसी तनाव की स्थिति नहीं है सिक्योरिटी सख्त है मगर हालात सामान्य है। मगर अब दिल्ली वालों को इन बंद बॉर्डर से आजादी मिल सकती है जो कि 29 दिसंबर को ऐसा हो सकता है अगर किसान और सरकारों की बातचीत सफल रही तो दिल्ली वाले बंद बॉर्डर से आजाद हो पाएंगे।