डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान – अभिषेक गुप्ता

रिपोर्ट :- अंजली सिंह


नई दिल्ली :-खरीद और बिक्री किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। रिटेल सेक्टर के साथ साथ डायरेक्ट सेलिंग के जरिए बिक्री और खरीद की जाती है। डायरेक्ट सेलिंग में ग्राहक सामान को सीधे मैन्युफैक्चरर से खरीदता है और यहां कोई बिचौलिया या दुकानदार नहीं होता।

इस महामारी के दौर में, जहां लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण निराशाजनक स्थिति से गुजर रहे हैं, वहीं लोगो के आर्थिक स्तर पर भी प्रभाव पड़ा है।

डायरेक्ट सेलिंग लोगों के लिए आय का एक सुविधाजनक स्रोत है और इसके लिए उन्हें विशिष्ट क्षेत्र में कुशल होने की आवश्यकता भी नहीं है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो कुछ कंपनियों द्वारा कार्यान्वित की जाती है जिसमें वे अपने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने और बेचने के लिए स्वतंत्र प्रोफेशनल के साथ जुड़ जाते हैं जिन्हे हम डायरेक्ट सेलर कहते हैं। डायरेक्ट सेलर के रूप में लोग अपनी टीम में अधिक लोगों को जोड़कर अपना स्वयं का नेटवर्क बना सकते हैं और अपनी संबद्ध कंपनियों के प्रोडक्ट्स को स्वतंत्र रूप से बेचकर एक अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।

अल्टोस एंटरप्राइजेज लिमिटेड के डायरेक्टर अभिषेक गुप्ता वैश्विक स्तर पर डायरेक्ट सेलिंग योजना को बेरोजगारी दर को कम करने और भारत को सशक्त बनाने के लिए कारगर उपाय मानते हैं।

वह कहते हैं “मेरा लक्ष्य डायरेक्ट सेलिंग योजना के माध्यम से पूरे देश में आय के अवसरों को पैदा करना है और अब कंपनियां लगातार सस्ती कीमतों पर हाई क्वालिटी वाले हेल्थ प्रोडक्ट को लॉन्च कर रही है।”

अंत में वो कहते है की देश भर में डायरेक्ट सेलिंग को बढ़ावा देकर अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर आय के अवसर प्रदान किया जा सकता।

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