ट्रैक्टर की दीवानगी ने नाबालिक को बनाया चोर दिल्ली से 700 किलोमीटर चला कर ले गया चोरी का ट्रैक्टर
रिपोर्ट :- शिल्पा
नई दिल्ली :- आपने दीवानगी की तो हर एक तस्वीर देखी होगी लेकिन एक नाबालिक की दीवानगी की ट्रैक्टर और ट्रैक्टर की दीवानगी इस कदर की ट्रैक्टर को चोरी करने के बाद 700 किलोमीटर का सफर 52 घंटे में इस नाबालिक ने तय किया। जून के महीने में एडमिन ब्लॉक के पास से एक टैक्टर चोरी हुआ था, जिसकी चोरी की FIR वसंत कुंज नॉर्थ थाने में दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद वसंत कुंज नॉर्थ थाने की पुलिस कार्रवाई में लग गई, कार्रवाई में सबसे पहले पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और साथ ही साथ मौजूदा वक्त में एडमिन ब्लॉक और जेएनयू के मेन गेट से निकलने वाले नंबरों को सर्विलांस पर लगाया तो उसमें एक नंबर निकला इस नाबालिक का जिसने टैक्टर की चोरी की थी।
नंबर को सर्विलांस पर लगाने के बाद वसंत कुंज नॉर्थ थाने के एसएचओ राजकुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें कि एसआई हेमंत, एस आई शिव कुमार, हेड कांस्टेबल रामबीर जो की केस के आईओ है, हेड कांस्टेबल जग प्रवेश और कांस्टेबल रवि कुमार की टीम ने इसपे काम किया और सर्विलेंस के आधार पर दिल्ली पुलिस के जवान पहुंच गए मध्य प्रदेश के चित्रकूट में जहां पर इन्होने देखा कि ट्रैक्टर जेएनयू से चोरी हुआ था, वह खेतों में चल रहा है उसके बाद ट्रैक्टर चलाने वाले नाबालिक तक पुलिस पहुंची और पुलिस ने जब उससे पूछताछ करी उसने इस ट्रैक्टर चोरी की ऐसी दास्तान बताइ हैं जिसको जानने के बाद आप भी हैरत में रह जाएंगे।
नाबालिक चोर ने बताया की ट्रैक्टर चोरी करने का उसका कोई मकसद नहीं था, लेकिन उसके रिश्तेदारों में और उसके आसपास में सभी लोगो के पास ट्रैक्टर है पर उसके घर में एक भी ट्रैक्टर नहीं है। उसकी तमन्ना थी कि वह भी अपने घर पर ट्रैक्टर लाए। लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे तब उसने अपने घर वालों से यह कहा कि दिल्ली में ट्रैक्टर की नीलामी होती है और दिल्ली से ट्रेक्टर खरीद के लाएगा जिसको लेकर घर वालों ने भी उसको ₹15000 दिए और उसने कहा की वह कुछ पैसे अपने कुछ रिश्तेदारों से लेकर दिल्ली से ट्रैक्टर लाएगा और यह कहकर वह चित्रकूट से दिल्ली आ गया जहां पर उसने जेएनयू कैंपस के अंदर से इस ट्रैक्टर को चोरी किया।
वही आपके जेहन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिरकार देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी जेएनयू केंपस से ट्रैक्टर कैसे चोरी हो गया। तो उसके पीछे की भी एक कहानी यह है कि नाबालिक के पिता यहां पर कुछ दिन पहले सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करते थे। जिससे कि इस नाबालिक के आवाजाही में जेएनयू कैंपस के अंदर कभी भी कोई दिक्कत नहीं होती थी और यह मुनिरका में रहकर ही अपने मामा के साथ पढ़ाई भी कर रहा था। लेकिन अब इसके पिता जेएनयू कैंपस में सिक्योरिटी गार्ड नहीं है।
लेकिन जान पहचान होने की वजह से यह आसानी से जेएनयू कैंपस के अंदर घुसा और इसने एडमिन ब्लॉक के पास इस ट्रैक्टर को चोरी किया और वहां से बड़ी आसानी से जेएनयू के नॉर्थगेट से होते हुए यह चित्रकूट के लिए रवाना हो गया। नाबालिक की ट्रैक्टर की दीवानगी ने किया चोरी करने पे मजबूर। लेकिन बालिक या नाबालिक कानून के लिए सब बराबर और दिल्ली पुलिस की टीम बखूबी अपना काम किया और मिलकर करवाई कर नाबालिक तक पहुंचे। एडिशनल डीसीपी अमित गोयल ने बताया की ट्रैक्टर के पीछे अपनी यह दीवानगी बताई है कि अगर वह जेल से छूट जाएगा तब भी वह अपनी मेहनत की कमाई से ट्रैक्टर लेगा क्योंकि उसका यह सपना है कि उसके घर पर भी ट्रैक्टर होना चाहिए।