गोवर्धन का क्या है महत्व, जानिए शुभ समय पूजा करने का
रिपोर्ट :- कशिश
नई दिल्ली :-इस बार गोवर्धन पूजा 15 नवंबर को मनाया जाएगा। ये पर्व हर साल दिवाली के अगले दिन होता है। ये पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है।
पूजा का शुभ समय 3:26 से लेकर 5:10 तक माना गया है इस दिन गोबर से गोवर्धन बनाकर कील पतासे चढ़ाकर पूरा इंसानियत का रूप दिया जाता है। और फिर उसके बाद गोवर्धन के चक्कर लगाकर पूजा करी जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार जब मवेशियों को चराते हुए भगवान कृष्ण गोवर्धन पर्वत पहुंचे तो वहां लोग उत्सव मना रहे थें। कारण पूछने पर उन्हें जानकारी मिली कि वहां इंद्रदेव प्रसन्न होकर वर्षा करें, इस हेतु पूजा हो रही है। तब श्रीकृष्ण ने कहा कि देवराज इंद्र से अधिक ताकतवर ये पर्वत है। इसी के प्रभाव से यहां बारिश होती है और लोगों को गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए।
गोवर्धन का दूसरा नाम अन्नकूट भी है। इसका अर्थ है भोजन का पहाड़। इस खास दिन पर भक्त भगवान कृष्ण के लिए भोग तैयार करते हैं जिसमें छप्पन या फिर 108 प्रकार के पकवानों को शामिल किया जाता है।
पूरे ही देश में गोवर्धन का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गोबर का महत्व भी लोगों को समझ आता है। क्योंकि शहरों में मिलना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए लोग खासकर के गांव से भी मंगवाते हैं। और पूरी ही श्रद्धा और भक्ति के साथ गोवर्धन की पूजा को आरंभ करते हैं।