कोविड प्रतिबंध लगने तथा कांग्रेस की मांग के बावजूद प्रभावित वर्ग के लिए राहत पैकेज की घोषणा नही करने से आम जनजीवन त्रस्त- केजरीवाल चुनावी तैयारी में व्यस्त- चौ.अनिल कुमार
रिपोर्ट :- नीरज अवस्थी
नई दिल्ली – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान केजरीवाल सरकार की असफलाताओं के दुष्परिणाम से दिल्लीवासी इतने प्रभावित हो रहे है कि अजीविका संकट के चलते एक स्ट्रीट वेंडर ने खुदखुशी कर ली। उन्होंने कहा कि बहुत ही दुखद है कि कनॉट प्लेस में पटरी पर दुकान लगाने वाले छोटे दुकानदारां ने आर्थिक संकट के चलते अपना जीवन खत्म कर दिया जिसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री पूरी तरह जिम्मेदार है। दिल्ली कांग्रेस ने दिल्ली सरकार से रेहड़ी पटरी वालों को आर्थिक सहायता देने की मांग की परंतु मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पूरी तरह नजर अंदाज कर दिया। कोविड के मामले बढ़ने के बाद लगी पांबदियो के कारण लोगों का रोजगार खत्म हो रहा है और श्रमिक वर्ग, रेहड़ी पटरी व प्रतिदिन कमाकर खाने वाले प्रवासियों ने पलायन शुरु कर दिया है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के 7 वर्षों शासन काल की असफलताओं के चलते स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर होने के कारण विशेषज्ञों की लगातार चेतावनी के बाद कोविड महामारी की तीसरी लहर में प्रतिदिन संक्रमितों की रिकार्डतोड़ बढ़ोतरी हो रही है। दिल्लीवालां को कोविड प्रकोप से राहत देने की जगह अपना चेहरा चमकाकर प्रचार कर रहे है कि दिल्ली सरकार ऑनलाईन योग क्लास शुरु करेगी और होम आइसोलेशन संक्रमितों को योग क्लास के लिए वेब लिंक भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को दिल्ली की डिजीटल असमानता की वास्तविक जानकारी नही है। होम आइसोलेटेड गरीबों के छोटे घरों में जहां मरीजों के रहने की जगह नही वहां योग करने की बात उनका मजाक उड़ाने के समान है। उन्होंने कहा कि होम आईसोलेशन मरीजों को योगा टिप्स की जगह सर्व प्रथम डाक्टरों, मेडिकल किट, स्वास्थ्य सहायता प्रदान की जानी चाहिए, क्योंकि स्वास्थ्य समर्थ व्यक्ति ही योगा कर सकेगा।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि सत्ता की भूख के चलते अरविन्द केजरीवाल दिल्लीवासियों को बेहाल छोड़, यहां की संकट की स्थिति को सुधारने की जगह चुनावी राज्यों में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे है, जबकि वे राजनीति बदलने की बात करते है। उन्होंने कहा कि बिना किसी सार्वजनिक घोषणा के केजरीवाल द्वारा निजी ऑफिस बंद करने के निर्णय के बाद राजधानी में लगभग 3 लाख लोग बेरोजगार होंगे और आफिस बंद होने से रेहड़ी पटरी, छोटे दुकानदार, ऑटो, ई-रिक्शा चालक इत्यादि निर्भर लोगां पर आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोविड संकट की तीसरी लहर से पूर्व ही कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली सरकार से समाज के प्रत्येक प्रभावित वर्ग के लिए आर्थिक राहत पैकेज की मांग की थी। दिहाड़ी मजदूरों, निर्माण मजदूरों आदि को निशुल्क सूखा राशन और गीला राशन देने की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार निजी आफिसों में कार्यरत कर्मियों को भी आर्थिक मदद देने की घोषणा करें।