कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली सरकार ने मांग ली जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन
रिपोर्ट :- दौलत शर्मा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की ऑक्सिजन ऑडिट टीम ने ऐसा सनसनीखेज दावा किया है जिससे दिल्ली का अरविंद केजरीवाल कठघरे में खड़ी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित समिति ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान जब देशभर में ऑक्सिजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था, तब दिल्ली सरकार ने जरूरत के चार गुना ज्यादा ऑक्सिजन की मांग कर दी थी। समिति ने सुप्रीम कोर्ट को हैरान कर देने वाली बात बताई कि दिल्ली सरकार को जरूरत से ज्यादा ऑक्सिजन आपूर्ति के कारण 12 राज्यों को ऑक्सिजन संकट का सामना करना पड़ा होगा।
ऑडिट टीम ने सुप्रीम कोर्ट को दी गई इस रिपोर्ट में कहा, ‘भारी गड़बड़ी पकड़ी गई है। बेड कपैसिटी के आधार पर तय फॉर्म्युले के मुताबिक दिल्ली को 289 मिट्रिक टन ऑक्सिजन की जरूरत थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने 1,140 मिट्रिक टन ऑक्सिनन की खपत का दावा किया था जो जरूरत से चार करीब गुना है।’ ध्यान रहे कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 13 मई को कहा था कि अब दिल्ली के पास अतिरिक्त ऑक्सिजन है जिसे दूसरे राज्यों को दिया जा सकता है। उन्होंने बताया था कि दिल्ली सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर कहा है कि उसके पास अतिरिक्त ऑक्सिजन है और इसे दूसरे राज्यों को भी दिया जा सकता है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि दिल्ली सरकार के मुताबिक, 183 अस्पतालों को 1,140 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की जरूरत पड़ी थी, जबकि इन्हीं अस्पतालों ने बताया कि उन्हें सिर्फ 209 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की जरूरत थी।
समिति की इस रिपोर्ट के बाद सोशल मीडिया ट्विटर पर भी लोग केजरीवाल सरकार से कड़े सवाल पूछ रहे हैं जिस कारण ‘Delhi Govt’ और ‘Kejriwal’ ट्रेंड करने लगा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी हमारे सहयोगी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की इस खबर को शेयर की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पूरे भारत में ऑक्सिजन की आपूर्ति बाधित करने के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी।
रिपोर्ट मैं कहा गया है कि जितनी जरूरत अस्पतालों की थी उससे ज्यादा ऑक्सीजन दिल्ली सरकार ने मंगाई जिससे 12 राज्यों पर प्रभाव पड़ा और 12 राज्यों में ऑक्सीजन की कमी पड़ी क्योंकि दिल्ली सरकार द्वारा उस समय ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा मांग की गई थी और एक पैनिक सिचुएशन पैदा हो गई थी उसको देखते हुए तुरंत केंद्र सरकार में ऑक्सीजन पहुंचाई और उस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सीजन जरूरत से ज्यादा मंगाई गई है जैसा कि बाकी अस्पतालों का कहना है।