कैसे शुगर को एनर्जी में बदलता है इंसुलिन? ये चीजें भी डायबिटीज में फायदेमंद

रिपोर्ट :- कशिश

नई दिल्ली :-डायबिटीज की घातक बीमारी के चलत हर साल पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत होती है। डायबिटीज इंसान के शरीर में किसी भी घातक बीमारी को ट्रिगर कर सकता है। इसके प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 14 नवंबर को ‘वर्ल्ड डायबिटीज डे’मनाया जाता है।14 नवंबर के दिन डायबिटीज डे मनाने के पीछ एक खास वजह भी है।

1922 में फेडरिक बेंटिंग नाम के वैज्ञानिक ने डायबिटीज की रोकथाम के लिए इंसुलिन का आविष्कार किया था। 14 नवंबर इन्हीं की जन्म तिथि है, जिसे WHO और इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन  ने 1991 में वर्ल्ड डायबिटीज-डे के रूप में सेलिब्रेट करना शुरू किया था। इंसुलिन खून में शुगर को ऊर्जा में परिवर्तित करता है, इसीलिए डायबिटीज के रोगियों को इंसुलिन की अतिरिक्‍त खुराक दी जाती है। पैंक्रियाज जब सही से काम नहीं करता तो रक्त कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती हैं। तब इंसुलिन शुगर से ऊर्जा बनाने का काम करता है।

खून में शुगर बढ़ने के कई कारण होते हैं. जंक फूड ज्यादा खाने, ज्यादा चाशनी वाली चीजें, ज्यादा प्रोटीन वाली चीजें और ग्लाइसेमिक वाली चीजें कम खाने से शुगर लेवल बढ़ सकता है। ये सारा दोष हमारे खराब लाइफस्टाइल का है।

डायबिटीज के खतरे से बचने के लिए हमें हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। पालक, करेला, ब्रोकली, गाजर, मेथी, बंदगोभी, टमाटर, शतावरी, खीरा, हरी बीन्स और बथुआ जैसी चीजें खाएं। ये सभी चीजें डायबिटीज में बड़ी फायदेमंद होती हैं। इनमें मौजूद एटीऑक्सीडेंट्स आपके दिल और आखों को स्वस्थ रखते हैं।

खून में शुगर लेवल बढ़ने पर ज्यादा स्टार्क वाली सब्जियां नहीं खानी चाहिए। डायबिटीज की शिकायत होने पर आलू, फूलगोभी, मक्का, सेम की फली, मटर, छोले, मसूर की दाल, कद्दू, शलगम और शकरकंद जैसी चीजें खाने से बचना चाहिए।

डायबिटीज के रोगियों को घी, तेल, रिफाइंड जैसे चिकने पदार्थों का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। ऐसे तेल या फैट का इस्तेमाल करें जो एंटी इन्फ्लेमेटरी सैचुरेटड हों. प्रो-इन्फ्लेमेटरी पॉलीअनसैचुरेटड वाला तेल या फैट खाने से बचें।

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