किसान आंदोलन के हुए 100 दिन पूरे अभी भी इन नहीं निकला कोई भी समाधान
रिपोर्ट -दौलत शर्मा
नई दिल्ली –आज किसान आंदोलन को पूरे 100 दिन हो चुके हैं किसान लगातार 100 दिन से कृषि कानून सुधार व उसके निरस्त करने के लिए दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं किसानों और सरकार की 11 दौर की बातचीत भी हुई लेकिन उसके बाद भी कोई हल नहीं निकला इन बीच कई बड़े विवाद भी हुए बात करें 26 जनवरी के ट्रैक्टर आंदोलन की तो उसमें लाल किला पर हुई हिंसा के बाद से किसानों और सरकार के बीच और दूरी बन गई और कई बॉर्डर से भीड़ हटने लगी मगर अभी भी गाजीपुर बॉर्डर सिंघु बॉर्डर व अन्य बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं इस किसान आंदोलन में सबसे बड़ी भूमिका भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत निभा रहे हैं जो कि गाजीपुर बॉर्डर पर अपने किसान समर्थकों के साथ टिके हुए हैं और उनकी लड़ाई सीधा सरकार से हैं और उनकी मांग है कि जल्द से जल्द यह सारे काले कानून जो उनके द्वारा बताए जा रहे हैं उन्हें निरस्त किया जाए उससे कम में वह नहीं मान रहे और उसी बीच सरकार भी ऑडी हुई है कि किसानों से शांतिपूर्ण बातचीत होगी कई बार किसानों से बातचीत करने के लिए संपर्क किया मगर अभी तक शुरू हुआ की तरफ से कोई पहल नहीं की गई अब पूरे 100 दिन हो चुके हैं इस सरकार और किसानों की लड़ाई के और लगातार उतार-चढ़ाव भी आते जा रहे हैं।
मगर किसानों का कहना है कि अगर यह मुद्दा हल नहीं होता है तो वह अक्टूबर तक बॉर्डर पर ऐसे ही किसान सरकार के खिलाफ खड़े रहेंगे और सरकार को उनकी बात सुनी ही होगी क्योंकि यह तीनों कानून कृषि खिलाफ हैं जिनको मैं पूरी तरह से निरस्त करना चाहते हैं इसके लिए 100 दिन या हजार दिन भी अगर बॉर्डर पर रुकना पड़े तो वह परिश्रम करते रहेंगे वहीं सरकार की तरफ से अभी कोई बातचीत का प्रस्ताव हाल ही में नहीं भेजा गया है लेकिन किसान चाहते हैं कि सरकार बात करें मुद्दा हल हो और इस कानून को पूरी तरह से निरस्त किया जाए उसे कम है किसान मानने को तैयार नहीं।