कभी जिससे चुनाव हारे थे अब उन्हीं की गद्दी संभालेंगे कीर्ति आजाद

रिपोर्ट:- प्रिंस बहादुर सिंह

नई दिल्ली:-लंबे अरसे के उठापटक और तमाम राजनैतिक उथल-पुथल के बाद कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली के खाली पड़े प्रदेश अध्यक्ष के पद की कुर्सी के लिए नया चेहरा चुन लिया है दिल्ली के कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको समेत कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सहमति के बाद कीर्ति आजाद को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है हालांकि अभी इस बात की औपचारिक घोषणा होनी बाकी है।

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने एक नया दांव खेला है जिसमें पूर्वांचल से संबंध रखने वाले कीर्ति आजाद को जो कि हाल ही के दिनों में कांग्रेस में शामिल हुए थे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई है कांग्रेस के अंदर काफी दिनों से उठापटक चल रही है हालांकि अभी भी शीला कैबिनेट में रहे तमाम मंत्री और पूर्व वरिष्ठ नेताओं समेत काफी लोग कीर्ति आजाद को अध्यक्ष बनाए जाने का समर्थन नहीं कर रहे हैं लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मोहर कीर्ति आजाद के नाम पर लग गई है।

पूर्वांचल के वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस पार्टी ने पहली बार कोई ऐसा गांव नहीं खेला है इससे पहले 15 वर्षों तक दिल्ली की सीएम रहने वाली शीला दीक्षित और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहने वाली महिला नेता को भी पूर्वांचल के वोटों को साधने के लिए मैदान में लाया गया था शीला दीक्षित खुद पंजाबी समुदाय से थी लेकिन उनकी शादी यूपी में हुई थी जिसकी वजह से उन्हें उत्तर प्रदेश और बिहार के वोटरों का भरपूर साथ मिलता था उसके अलावा कांग्रेस पार्टी ब्राह्मण कार्ड खेलकर अपनी राजनीति करती थी लेकिन अब हालात बदले हैं दिल्ली के अंदर मनोज तिवारी की टक्कर का कोई नेता ढूंढने के लिए कांग्रेस ने यह खेल किया है हालांकि कांग्रेस पार्टी के अंदर आपसी गुटबाजी काफी जोरों पर है जिसके चलते बाहर के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने की भी विरोध किया जा रहा है।

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