ईद की शॉपिंग के बजाय करें गरीबों की मदद, शाबान मलिक पत्रकार
1- लॉकडाउन में अबकी की ईद सबकी ईद हो,क्योंकि ईद कपड़ों का नही अपनो का त्यौहार होता है इस बात का खाश ध्यान रखें
उन्नाव: देश में लॉकडाउन के मद्देनजर ईद को लेकर (पत्रकार शाबान मलिक) ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की है. उनका कहना है कि लोग ईद का जश्न अपने घरों में रहकर मनाएं ताकि कोरोना वायरस से बचा जा सके,कोशिश करें इस बार ईद में गले मिलने से परहेज करें, मुबारक ईद का त्यौहार घर मे रहकर मनाएं न कि किसी रिश्तेदारों के घर जाएं,घर मे रहे सुरक्षित रहे, आप होंगे तो अगली बार ईद भी साथ मे गले मिलकर होगी। वंही शाबान मलिक का कहना है कि इस ईद उल फ़ितर के त्योहार को सादगी से मनाएं. ईद कपड़ों का नहीं अपनों का त्योहार है. ईद के लिए नए कपड़े पहनना ज़रूरी नहीं है जो उमदा हों उसी को पहन कर ईद मनाएं, इस समय देश को हर किसी के योगदान की ज़रूरत है इसीलिए हम निश्चय करें कि इस ईद पर ख़रीदारी नहीं करेंगे.ख़रीदारी की जगह हर बंदा तय करे कि किसी एक परिवार को एक महीने का राशन देगें, किसी एक ज़रूरतमंद के घर का एक महीने का किराया देगा. जो सभी लोग पहले ही ईद की शॉपिंग न करने का संकल्प ले चुके हैं और अब दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। हालांकि मुस्लिम समाज का यह सबसे बड़ा पर्व होता है। ईद पर समाज के लोग बहुत ज्यादा खर्च करते हैं क्योंकि यह साल भर का एक ही पर्व होता है जिसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। कोरोना के इस संकट काल में लोगों को देश और समाज के हित में काम करना चाहिए।
इसलिए मैं सभी से अपील कर रहा हूं कि वह इस बार ईद की शॉपिंग न करें। इससे दो लाभ होंगे एक तो कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सरकार की तरफ से लगाये गए लॉकडाउन के नियमों का पालन सख्ती से होगा दूसरा हम शॉपिंग में खर्च होने वाली काफी रकम बचा लेंगे जिससे गरीबों की मदद की जा सकेगी। शहर में लोग भूखें हों और उनके सामने सबसे बड़ा संकट पेट भरने का हो, ऐसे में ईद की शॉपिंग पर बेफजूल खर्च करना बेवकूफी मानी जाएगी। वंही शाबान मलिक ने बताया कि ईद पर हर वो इंसान जकात,फितरा निकाले जो इसके लायक हो और उस पैसे से जरूरतमंद लोगो की जरूरत पूरी करें इस पैसे को गरीबो में दें ताकि उस गरीब की भी ईद हो सके।
तो कृपया इस बार आप सभी ईद का त्योहार घर पर ही रहकर मनाएं इस से हम और आप दोनों सुरक्षित रहेंगे।