आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार की पॉलिसी, उसकी असफलता और नाकामी का हर स्तर पर विरोध करती है- सौरभ भारद्वाज
रिपोर्ट :- नीरज अवस्थी
नई दिल्ली :-आम आदमी पार्टी, कश्मीरी पंडितों के समर्थन में 5 जून (रविवार) को सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगी। प्रेस वार्ता के दौरान आज यह घोषणा करते हुए ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस साल कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं, कश्मीरी पंडितों और कश्मीर सरकार में काम करने वाले लोगों की हत्याएं काफी बढ़ गई हैं और लोग दहशत में अपने बच्चों के साथ पलायन कर रहे हैं। जनवरी 2022 से अब तक 18 लोगों को आतंकवादियों ने चुन-चुन कर मारा है और सिर्फ मई में सात लोगों की हत्या की गई है। 2021 में कश्मीर में 35 लोगों की हत्या हुई थी, जबकि जनवरी 2022 से मई तक 18 नागरिकों के अलावा 15 सुरक्षाकर्मियों की हत्या की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 23 मई को कश्मीर में रह रहे कश्मीरी हिंदुओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था और पलायन की धमकी भी दी थी। आज भी बड़ी संख्या में कश्मीर के एयरपोर्ट पर पलायन देखा जा सकता है। केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को लेकर बनी पॉलिसी में पूरी तरह असफल साबित हो रही है। आम आदमी पार्टी, केंद्र सरकार की पॉलिसी और उसकी असफलता का हर स्तर पर विरोध करती है।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने आज पार्टी मुख्यालय में कश्मीर में हो रही नागरिकों हत्याओं को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कश्मीर के अंदर कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी हिंदुओं की दोबारा से कश्मीर में वापसी भारतीय जनता पार्टी का हर चुनाव में एक मुद्दा रहता है। भारतीय जनता पार्टी इसे जोर-शोर से उठाती रहती है। इस साल 2022 में कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों और कश्मीर की सरकार में काम करने वाले लोगों की हत्याएं इस स्तर पर बढ़ गई हैं कि लगभग रोज इस तरह की एक खबर अखबार के अंदर आ रही है। केंद्र सरकार की 2008 की एक पॉलिसी थी। जिसके तहत कश्मीरियों का पुनर्वास के लिए एक प्रोग्राम चलाया गया और करीब 3800 लोगों को वहां पर दोबारा से बसाया गया। आज हालात यह है कि जिन लोगों को पुरानी सरकार ने वहां बसाया था, वे लोग भी इतने डरे हुए हैं। यहां से कश्मीरी पंडित कश्मीर वापस जाएं, यह तो बड़ी दूर की बात है। यह तो केंद्र सरकार कर ही नहीं पाई। मगर जिन लोगों को पहली सरकारों ने वहां बसाए थे, आज वो लोग भी इतने डरे और दहशत में हैं कि वे भी वहां से पलायन कर रहे हैं।
‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर हम सिर्फ इस साल के ही आंकड़ों को देखें, तो जनवरी 2022 से लेकर अभी तक 18 लोगों को चुन-चुन कर आतंकवादियों ने मारा है। सिर्फ मई महीने में 7 लोगों की हत्याएं उग्रवादियों ने वहां पर चुन-चुन कर की हैं। सौरभ भारद्वाज ने इन हत्याओं का ब्यौरा देते हुए कहा कि 9 मई को सोपिया के अंदर आतंकियों ने फायरिंग कर एक नागरिक को मार डाला और एक जवान समेत 2 लोग घायल हो गए। 12 मई को पुलवामा में पुलिसकर्मी रियाज़ अहमद ठाकुर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 12 मई को कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की बड़गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई। आतंकियों ने उनके ऑफिस में घुसकर उनको मारा। जिसके विरोध में कश्मीर के अंदर बहुत प्रदर्शन भी हुए। 17 मई को बारामुला में आतंकवादियों ने एक वाइन शॉप पर ग्रेनेड फेंका, जिसमें रंजीत सिंह की मृत्यु हो गई। रंजीत सिंह बहुत सालों से वहां पर रहे थे और इस हमले में कई लोग घायल भी हुए। 24 मई को आतंकवादियों ने एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी और एक 7 साल की बच्ची भी जख्मी हो गई। 25 मई को टीवी की एक कश्मीरी आर्टिस्ट अमीरा भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई और 31 मई को रजनी बाला की हत्या कर दी गई।
‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कश्मीर में अब हालात यह है कि जहां 2021 के अंदर 35 लोगों की हत्या की गई थी, वहां आज हम देख रहे हैं कि मई तक 18 नागरिकों की हत्या की जा चुकी है और 15 सुरक्षाकर्मियों की हत्या की जा चुकी है। बारामुला में जिस कॉलोनी में कश्मीरी पंडितों के परिवार रहते हैं, उसके प्रधान अवतार कृष्ण भट्ट ने सरकार को कहा है कि इतनी दहशत है कि 300 परिवारों में से आधे पहले ही पलायन कर चुके हैं। 23 मई को वहां पर रह रहे कश्मीरी हिंदुओं ने एक साथ इस्तीफा दिया था और कश्मीर से वापस आने की धमकी भी दी थी। आज भी यह स्थिति बनी हुई है कि बड़ी संख्या में कश्मीर के एयरपोर्ट पर पलायन देखा जा सकता है। लोग दहशत में अपना बोरिया-बिस्तर बांध कर, अपना सामान लादकर अपने बच्चों के साथ कश्मीर से वापस पलायन कर रहे हैं। यानि कि केंद्र सरकार की कश्मीर को लेकर जो पूरी नीति थी, वह पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। हम लोग केंद्र सरकार की इस पॉलिसी, केंद्र सरकार की इस असफलता और नाकामी का हर स्तर पर विरोध करते हैं। इसकी निंदा करते हैं और कश्मीरी पंडितों के साथ खड़े रहते हुए केंद्र सरकार की नाकामी के विरोध में जंतर-मंतर पर हम सभी लोग इकट्ठा होंगे और कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी भाइयों के साथ हम अपनी संवेदना देंगे। 5 जून (रविवार को) सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी ने यह आह्वान किया है कि सभी लोग इकट्ठा होकर कश्मीरी भाइयों का साथ दें और उनके लिए खड़े हों।