अप्रैल से जून तक दिल्ली में कितने बदले हालात?
रिपोर्ट :- दौलत शर्मा
नई दिल्ली :-कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर दिल्ली में सुस्त पड़ने लगी है. कोरोना के मामले अब राजधानी में कम आने लगे हैं. अप्रैल में जहां रोजाना 25 हजार से अधिक मामले आ रहे थे तो जून में ये संख्या 500 के करीब पहुंच गई है. घटते कोरोना के मामलों ने लॉकडाउन में रियायतें लाई हैं. लेकिन दिल्ली पर कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है।
बीते अप्रैल और मई के हालात काफी इन नाजुक थे हर दिन 23 से 25000 के बीच कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे थे दूसरी लहर का प्रकोप हर जगह दिख रहा था।
दिल्ली में पूरी तरह से हाहाकार मचा हुआ था कहीं कोई लोग ऑक्सीजन सिलेंडर तो कहीं अरे में सीवर और अन्य दवाइयां ढूंढ रहे थे और इस बीच इन दवाइयों की और इन ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी भी जोर शोरों से चल रही थी लॉक डाउन की भी स्थिति बनी और करीब 1 महीने तक लॉकडाउन रहा अप्रैल के अंत में शुरू हुआ लॉकडाउन पूरी मई तक रहा और हफ्ते दर हफ्ते इस लॉकडाउन में इजाफा होता रहा।
मई के आखिर और जून की शुरुआत में अब कहीं ना कहीं कोरोना संक्रमण के मामले कम होते हुए नजर आ रहे हैं अब स्थिति काबू में है मगर अभी भी कई जगह देखा जा रहा है लोग कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं और प्रशासन और डॉक्टरों को तीसरी लहर की भी चिंता सता रही है और जो यह तीसरी लहर आएगी वह अट्ठारह से कम उम्र वाले लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक होगी ऐसा डॉक्टर का मानना है।