अगर गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलनी चालू हो गई तो एक पीढ़ी के अंदर देश से गरीबी दूर की जा सकती है

रिपोर्ट :-नीरज अवस्थी

नई दिल्ली :-सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त सुधार हुआ है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सबकुछ अच्छा हो गया है। अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। इसके लिए हम लोग अब चल पड़े हैं, ये सब मानते हैं। हमारे आलोचक भी मानते हैं कि दिल्ली के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में एक जबरदस्त बदलाव आ रहा है। यह बदलाव हमने नहीं, बल्कि टीचर्स, प्रिसिंपिल्स, बच्चों और उनके पैरेंट्स ने किया है। यह दिल्ली के दो करोड़ लोगों की उपलब्धि है। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में जो काम किया है, इसने पूरे देश को एक उम्मीद दी है कि सरकारी स्कूलों में गरीबों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सकती है। मैं समझता हूं कि अगर गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलनी चालू हो गई तो एक पीढ़ी के अंदर देश से गरीबी दूर की जा सकती है। आप सोच कर देखिए कि एक गरीब, प्लंबर, रिक्शेवाले, मजदूर या किसान के बच्चे के पिता अभी 5-10 हजार रुपए महीना कमाते हैं और वो इंजीनियर बन जाता है। इंजीनियर बनने ही उसकी शुरूआती सैलरी दो लाख रुपए महीना होगी और एक परिवार की गरीबी दूर हो गई। हमें गरीबी से जूझते हुए 75 साल हो गए। गरीबी हटाने के लिए हम लोगों ने पता नहीं कितने नारे लगा लिए और तरह-तरह की योजना बना लिए। अगर आजादी के बाद एक ही योजना बना लेते कि हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे, तो अभी तक देश से गरीबी दूर हो गई होती। सिर्फ गरीबी ही नहीं दूर होती, बल्कि इस देश के हर परिवार के अंदर अमीरी आ जाती।

अगर हम बिल्डिंग अच्छी बना लेते, टीचर्स को विदेश घूमा लाते, लेकिन नतीजे अच्छे नहीं आते, तब कहते कि केजरीवाल पैसे बर्बाद कर रहा है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ‘शिक्षा क्रांति में क्या हुआ’ जैसे सवाल पूछने वाले लोगों को जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा क्रांति में बहुत कुछ हुआ। पिछले 7-8 साल में प्राप्त उपलब्धि का जिक्र करते हुए कहा कि 2015 से पहले दिल्ली में सरकारी स्कूलों का बुरा हाल था। ढेरों स्कूल टेंट में चला करते थे। किसी भी इलाके में चले जाते थे, वो कहते थे कि टेंट वाला स्कूल। अब वो सारे टेंट वाले स्कूल टैलेंट वाले स्कूल बन गए हैं। पहले सरकारी स्कूलों की छतें टपका करती थीं, दीवारें टूटी पड़ी थीं, डेस्क नहीं थे। बच्चे जमीन पर बैठा करते थे। स्कूल में टॉयलेट और पीने का पानी नहीं था। सुरक्षा नहीं थी और बच्चे जब मर्जी होता था, स्कूल से भाग जाते थे। आज यह सब बदल गया है। दिल्ली के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जबरदस्त निवेश हुआ है और आज हमारे सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग्स, इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत अच्छे प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर है। मैं उन प्राइवेट स्कूलों की बात नहीं कर रहा हूं, जो पूरी तरह वातानुकूलित हैं। ये स्कूल अलग हैं। लेकिन जितने भी आम प्राइवेट स्कूल हैं, उनसे हमारे सरकारी स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत शानदार है। हमारे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का माहौल बदला है। जब से प्रिंसिपल और टीचर्स आईआईएम, विदेशों में ट्रेनिंग करने जाने लगे हैं और वहां से प्रेरित होकर और आत्मविश्वास से भरे हुए आते हैं, तो उनमें बच्चों को पढ़ाने की इच्छा जागती है। पहले पूरी व्यवस्था इतनी खराब थी कि पढ़ाने का मन ही नहीं करता था। मैं बहुत सारे बच्चों से बात की है, जो प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर हमारे स्कूलों में आए हैं। उन्होंने दो चीजों की तारीफ की है। उन बच्चों ने बताया कि जो सुविधाएं हमें सरकारी स्कूलों में मिल रही है, वो सुविधाएं अब प्राइवेट स्कूलों में नहीं मिल रही है। दूसरा, जितनी तन्मयता के साथ टीचर्स हमें पढ़ाते हैं, उतनी तन्मयता से प्राइवेट स्कूलों में नहीं पढ़ाते हैं। बच्चे प्रिंसिपल और टीचर्स की खूब तारीफ करते हैं। यह बहुत बड़ी बात है। इसका परिणाम यह हुआ है कि हमारे स्कूलों के नतीजे अच्छे आने लगे हैं। अगर हम बिल्डिंग अच्छी बना लेते, टीचर्स को विदेश घूमा लाते, लेकिन नतीजे अच्छे नहीं आते और बच्चे फेल हो रहे होते, तब कहते कि क्या फायदा है? केजरीवाल पैसे बर्बाद कर रहा है। लेकिन हमारे सभी टीचर्स ने मेहनत करके नतीजे शानदार कर दिए। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 99.7 फीसद आ हैं। पूरे देश में इतने नतीजे कभी नहीं आए। 75 साल में कहीं किसी राज्य में 99.7 फीसद नतीजे नहीं आए हैं। अब हमारे स्कूलों के बच्चे बिना कोचिंग के जेईई पास कर रहे हैं। मैंने भी आईआईटी के पेपर दिए थे, लेकिन मैंने दो-दो कोचिंग ली थी। बिना कोचिंग के मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरा एडमिशन होगा। हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे बिना कोचिंग के आईआईटी, नीट और ऑल इंडिया मेडिकल के अंदर एडमिशन ले रहे हैं। यह चमत्कार से कम नहीं है। हमारे शिक्षकों ने बहुत बड़ा चमत्कार किया है। इसके

दिल्ली में शिक्षा का पूरा नैरेटिव बदल रहा है और सरकारी स्कूलों में बिजनेस ब्लॉस्टर्स, हैप्पीनेस क्लासेज, देशभक्ति क्लासेज समेत अन्य नए-नए कोर्सेज चालू हो रहे हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमारे सरकारी स्कूलों में बिजनेस ब्लॉस्टर्स, हैप्पीनेस क्लासेज, देशभक्ति क्लासेज समेत अन्य नए-नए कोर्सेज चालू हो रहे हैं। दिल्ली में शिक्षा का पूरा नैरेटिव बदल रहा है। शिक्षा का मतलब यह नहीं है कि घोटा मार लो। अब वो बदल रहा है। एक बार 11वीं का एक बच्चे ने मुझसे कहा कि जब मैं 10वीं में था, तब मुझे बहुत डर लगता था। मैं पढ़ाई में बहुत खराब हूं। लेकिन जब से बिजनेस ब्लॉस्टर्स कार्यक्रम शुरू हुआ है, तब से लगता है कि नंबर अच्छे आए या न आएं, अपना धंधा तो कर ही लूंगा। अब पूरे सिस्टम से वो तनाव खत्म हो गया है। जिस चीज में अच्छे हैं, वो करेंगे। फिजिक्स में अच्छे हैं, फिजिक्स करेंगे, मैथ में अच्छे हैं, मैथ करेंगे। म्यूजिक में अच्छे हैं, तो म्यूजिक में करेंगे, नही ंतो बिजनेस कर लेंगे। यह सारा चमत्कार हमारे शिक्षकों और प्रिंसिपल ने करके दिखाया है। आप लोग जो विदेशों से सीख कर आए हैं, उसकी वजह से यह सब हो पा रहा है। ट्रेनिंग की प्रक्रिया अभी जारी है। ऐसा नहीं है कि एक बार सिंगापुर भेज दिया, तो फिर नहीं भेजेंगे। बल्कि आपको बार-बार भेजेंगे। लोग इसको खर्चा मानते हैं। मगर मैं इसको निवेश मानता हूं। देश में चार पूल कम बना लो, चार सड़कें कम बना लो, अगर आपने अपने टीचर्स व प्रिंसिपल को बेस्ट एक्पोजर और ट्रेनिंग दे दी, तो आपने देश का भविष्य बना दिया। फिर ये बच्चे बड़े होकर पता नहीं कितनी सड़कें बना लेंगे।

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