अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रैकेट के 4 सदस्यों को गिरफ्तार कर AATS टीम ने किया खुलाशा, 68 मोबाइल एक लेपटॉप बरामद

रिपोर्ट :-संजीव सिंह

नई दिल्ली :-दक्षिणी दिल्ली जिला के AATS स्टाफ की टीम ने दिल्ली से मोबाइल चोरी कर अलग अलग राज्य और नेपाल में चोरी के मोबाइल फोन सप्लाई करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है इनकी गिरफ्तारी के साथ टीम ने इनकी निशानदेही पर 68 मोबाइल फोन एक लैपटॉप सहित कई मामलों का खुलासा किया गया है गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सारांश सागर अकील अंकुर गुप्ता और मिथुन के रूप में की गई है चारों आरोपी दिल्ली के शाहदरा जिले के अलग-अलग इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं आरोपियों के ऊपर पहले से ही अलग-अलग थानों में आपराधिक मामले दर्ज है गिरफ्तार आरोपी चोरी के मोबाइल फोन खरीदते थे और उनका आईएमईआई नंबर बदलकर उन्हें बाजारों में बेचा करते थे।

साउथ दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि AATS की टीम को दक्षिण जिला के क्षेत्र में अपराध स्नैचिंग लूट जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए और आरोपियों को गिरफ्तार करने का काम सौंपा गया था टीम लगातार छानबीन कर रही थी जाल भी बिछाई जा रहे थे और मुखविरों को भी तैनात कर दिया गया था तकनीकी निगरानी विश्लेषण का भी उपयोग टीम ने किया और आरोपियों को पता लगाने का काम टीम को सौंपा गया था इसी क्रम में एसीपी राजेश बामणिया ने इंस्पेक्टर उमेश यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया जिसमें एसआई अनिल कुमार हेड कांस्टेबल संदीप जय भगवान इंद्रराज कॉन्स्टेबल प्रवीण संदीप को शामिल किया गया।

जांच के दौरान टीम ने पूरी दिल्ली में लूट स्नैचिंग चोरी पिक पॉकेट की घटनाओं में चोरी हुए मोबाइल फोन पर निगरानी रखी इसके अलावा पूर्व में गिरफ्तार अपराधियों से भी पूछताछ की गई कई बार खुलासा हुआ कि ऐसे मोबाइल फोन की बिक्री खरीद कई स्तरों पर की जा रही थी टीम ने और अधिक खुफिया जानकारी विकसित की टीम ने आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए सभी उपलब्ध पहलुओं पर प्रयास किया टीम के अथक प्रयास करने के बाद एक आरोपी व्यक्ति की पहचान कर ली गई और अंकुर गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया उसकी निशानदेही पर चोरी के 68 मोबाइल फोन बरामद हुए और उसी से पूछताछ के बाद तीन साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया निरंतर पूछताछ के दौरान आरोपी अंकुर गुप्ता ने खुलासा किया कि वह आमतौर पर लुटेरों इस नेचरो छोटे रिसीवर से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से मोबाइल फोन प्राप्त करता था उसका साथ ही सारांश सागर और अकील भी इस काम में शामिल थे यह दोनों आईएमईआई नंबर बदलने का काम करते थे सॉफ्टवेयर के जरिए आरोपी अंकुर गुप्ता आईएमईआई के 2 अंकों को बदलकर बाजार में खपत करता था जिस मोबाइल में आईएमइआई नंबर नहीं तोड़ा जा सकता था उसे वह बिहार के रास्ते नेपाल में बेचा करते थे इसी प्रकार एक साथी मिथुन को भी गिरफ्तार कर लिया गया इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और लगातार इनसे पूछताछ जारी है।

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